मुक्तक _ तेरी अदा।

मुक्तक _ तेरी अदा।

बाग के हर फूलो की खुशबू से तुमको महकाया गया है।
दुनिया की हर नाजों अदा और हुस्न से सजाया गया है।
चांदनी चमक जूही की महक हिरणी की चाल हों तुम।
घटाए जुल्फ कोयल की कूक कहो कैसे बनाया गया है।

श्याम कुंवर भारती

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